नव वर्ष का नवनीत

चुम रही थी, उसके मस्तक को,
नव वर्ष की मंगलकामनाएँ ।

चुम रही थी, उसके आँखों को,
‘नवल किशोर’ की नव दृष्टि ।

चुम रही थी, उसके कानों को,
नव परिचय की नव ध्वनियाँ ।

चुम रही थी, उसके गालों को,
नव प्रभात की नव लालिमा ।

चुम रही थी, उसके होठों को,
नव वर्ष की शुभ नवल वाणी ।

– पाठकों को नव वर्ष की असीम शुभकामनाएँ ।