वो कहते, भुल जाओ सब,
वो कहते, मोड़ दो राहें,
वो कहते, तोड़ दो रिश्ता,
वो कहते, किस्से हैं सारे ।
जानकर भुल गया सब मैं,
रंगीन दुनिया में खो गया,
हँसता- गाता, आवारा सो गया,
पर वह रात सपनों में आ गया ।
सुबह मोड़ दिया, रास्ता अपना,
अनजानी राहों पर निकल पड़ा,
भुल गया सारे गलियाँ रास्ते ,
वह अनजाने मोड़ पर दिख गया ।
फिर, उसे तोड़ दिया, टुकड़ों में,
फिर, बेजान टुकड़ो को पीस दिया,
देखा, वो धूल बनकर बिखर गया,
मेरी माटी में अमिट बस गया ।
ऐसे हैं कुछ रिश्ते ।