चुम रही थी, उसके मस्तक को,
नव वर्ष की मंगलकामनाएँ ।
चुम रही थी, उसके आँखों को,
‘नवल किशोर’ की नव दृष्टि ।
चुम रही थी, उसके कानों को,
नव परिचय की नव ध्वनियाँ ।
चुम रही थी, उसके गालों को,
नव प्रभात की नव लालिमा ।
चुम रही थी, उसके होठों को,
नव वर्ष की शुभ नवल वाणी ।
– पाठकों को नव वर्ष की असीम शुभकामनाएँ ।
Sudaram.
🙂
Aap ko bhi nav varsh ki dher sari shubhkamanayen