कभी किसी ने देखा है ?
उन चट्टानों के टीलों में
अप्रत्याशित ढलानों के बीच,
ढलता है रक्तिम सुरज जब
फिर वहाँ निझॅर बहते हैं।
कभी किसी ने देखा है ?
उस निझॅर के प्रवाह में
कभी विनम्र होती जो बुंदें,
इक झुरमुट के तलहटी में
जाकर अटकती रहती है।
कभी किसी ने देखा है ?
अटकती बुंदो के संगम में
जलमय राशि के ठीक मध्य,
शनैः शनैः एक अद्भुत जलज
फिर विराजमान होता है।
कभी किसी ने देखा है ?