शहर के उस कोने में रहता है,
झबड़े बालों वाला,
फिर आज वो आ गया,
बड़ी जोर से बोलता है ।
मेरे भाँजे ने पुछा-
मामा, इसका घर नहीं है क्या ।
“हाँ था, पहले चाहरदीवारी में ,
अभी सब जगह है । ”
घुमता रहता था फिर भी,
उस पीले मकान के निकट,
उसके सगे लोगों ने ही,
फिर पत्थर से मार भगाया है ।
Samaj ki ek kuroop taswir, jise aapne shabdo mein bahut hi sundar dang se piroya hao…